Home Dhanbad Jharkhand News! हाईकोर्ट ने हेमंत सरकार को निर्देश! मृत उमेश सिंह की...

Jharkhand News! हाईकोर्ट ने हेमंत सरकार को निर्देश! मृत उमेश सिंह की पत्नी को पांच लाख रुपये मुआवजा…..यहाँ जाने पूरा मामला

0
Jharkhand News! हाईकोर्ट ने हेमंत सरकार को निर्देश! मृत उमेश सिंह की पत्नी को पांच लाख रुपये मुआवजा.....यहाँ जाने पूरा मामला
Jharkhand News! हाईकोर्ट ने हेमंत सरकार को निर्देश! मृत उमेश सिंह की पत्नी को पांच लाख रुपये मुआवजा.....यहाँ जाने पूरा मामला

झारखंड हाईकोर्ट ने सरकार को धनबाद के झरिया स्थित घानूडीह थाना में वर्ष 2015 में पुलिस हिरासत में मारे गए उमेश सिंह की पत्नी को पांच लाख रुपये मुआवजा देने का निर्देश दिया है। जिलों से रिपोर्ट भी मांगी।

झारखंड हाईकोर्ट ने सरकार को झरिया के घानूडीह थाना में वर्ष 2015 में पुलिस हिरासत में मृत उमेश सिंह की पत्नी को पांच लाख रुपये मुआवजा देने का निर्देश दिया है। सरकार को आदेश के छह सप्ताह के अंदर राशि का भुगतान करना होगा।

जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत ने उमेश सिंह की पत्नी बबीता देवी की याचिका पर सुनवाई करते हुए मुआवजा देने का निर्देश दिया। अदालत ने राज्य के डीजीपी (DJP) को दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया। अदालत ने अपने आदेश में टिप्पणी करते हुए कहा कि यह साबित भी हो चुका है कि घटना पुलिस की बर्बरता है।

दोषी पुलिस अधिकारियों से वसूल सकती है राशि

कोर्ट ने आदेश में लिखा है कि धनबाद की निचली अदालत के आदेश के बाद भी पुलिस विभाग ने दोषी पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं की। अदालत ने अपने आदेश में सरकार को यह भी छूट दी है कि वह मुआवजे की राशि दोषी पुलिस अधिकारी और कर्मचारियों से वसूल सकती है।

पुलिस कस्टडी में मौत पर जिला जजों से मांगी रिपोर्ट

पुलिस हिरासत में मौतों पर हाईकोर्ट ने सभी जिला न्यायाधीशों से रिपोर्ट मांगी है। चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने जिला जजों को यह बताने को कहा है कि पुलिस हिरासत में मौतों की न्यायिक जांच के लिए कितने आवेदन लंबित हैं। एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने यह निर्देश दिया। अगली सुनवाई 26 जुलाई को होगी।

जिलों में पुलिस कस्टडी में मौत पर याचिका दाखिल

इस संबंध में धनबाद निवासी मुमताज अंसारी ने याचिका दायर की है। इसमें कहा गया है कि जिलों में पुलिस हिरासत में मौत हो रही है। पुलिस पूछताछ के नाम पर आरोपियों को घरों से ले जाती है और पुलिस हिरासत में मौत हो जाती है। हिरासत में मौत की न्यायिक जांच का प्रावधान है।

परिजनों की ओर से अदालतों में न्यायिक जांच के लिए आवेदन दिए जाते हैं, लेकिन अधिकांश पर जांच नहीं होती। पुलिस, सरकार को भी संबंधित अदालत में इसकी जांच के लिए आवेदन दिए जाने का प्रावधान है, लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है। याचिका में अदालत से पुलिस हिरासत में हुई मौत की न्यायिक जांच सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया है।

Dearness Allowance Hike : सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी! इन 2 राज्यों में बढ़ा DA, जानिए कितना हुआ इजाफा?

Exit mobile version