वहीं 28 अक्टूबर से लेकर 31 अक्टूबर तक राज्य में कहीं कहीं पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना व्यक्त की है। इसे देखते हुए मौसम केंद्र रांची द्वारा जारी भारी वर्षा की चेतावनी भी दी है और कुछ भागों में ऑरेंज और कुछ भागों में येलो अलर्ट जारी
झारखंड में चक्रवाती तूफान “मोथा” को लेकर मौसम विभाग ने ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया है। वहीं 28 अक्टूबर से लेकर 31 अक्टूबर तक राज्य में कहीं कहीं पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना व्यक्त की है। इसे देखते हुए मौसम केंद्र रांची द्वारा जारी भारी वर्षा की चेतावनी भी दी है और कुछ भागों में ऑरेंज और कुछ भागों में येलो अलर्ट जारी किया है।
मौसम विभाग के अनुसार 28 अक्टूबर को राज्य के सिमडेगा, पश्चिमी-सिंगभुम, खूटी, एवं गुमला जिले में कहीं-कहीं पर भारी वर्षा होने की संभावना है। 29 अक्टूबर राज्य के लातेहार, लोहारदगा, रांची, खूंटी, गुमला, पश्चिमी सिंहभूम, सिमडेगा, जिलों में कहींकहीं पर भारी वर्षा की संभावना है।
30 अक्टूबर को राज्य के चतरा, गढ़वा, लातेहार, पलामू, गिरिडीह, कोडरमा, लोहारदगा, बोकारो, रामगढ़, हजारीबाग, रांची, खूंटी, गुमला, जिलों में कहीं-कहीं पर भारी वर्षा की संभावना है। 31 अक्टूबर को राज्य के दुमका, गोड्डा, पाकुर, साहिबगंज, जिलों में कहीं कहीं पर भारी वर्षा की संभावना है। वहीं राज्य में कहीं-कहीं पर गर्जना वज्रपात और तेज़ हवाओं का झोंका (30-40 किमी/घंटा) की गति से चलने की संभावना है।
ऑरेंज अलर्ट की चेतावनी वाले क्षेत्रों के लिए कई स्थानों पर भारी वर्षा या तीव्र वर्षा के कारण भूस्खलन, पहाड़ियों में कुछ घंटों से लेकर कुछ दिनों तक आपूर्ति और परिवहन कुछ स्थानों पर प्रभावित हो सकती है। वहीं कृषि और बागवानी फसल और वृक्षारोपण को मामूली क्षति पहुंचने की मौसम विभाग आशंका जताई है।
वहीं मछली पकड़ने/कैम्पिंग या किसी अन्य गतिविधि के लिए नदी में जाने से बचने की चेतावनी दी है। येलो अलर्ट की चेतावनी वाले क्षेत्रों के लिए कृषि और बागवानी फसल और वृक्षारोपण को मामूली नुकसान, निचले इलाकों में जलजमाव जैसी समस्याओं का सामना कारण पड़ सकता है।
मौसम विभाग बताया कि चक्रवाती तूफान “मोथा” दक्षिण-पश्चिम और इससे सटे पश्चिम-मध्य और दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर पिछले 6 घंटों में 18 किमी प्रति घंटे की गति से उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ा और आज, 27 अक्टूबर 2025 को सुबह 08:30 बजे आईएसटी पर दक्षिण-पश्चिम और इससे सटे पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर, अक्षांश 12.6° उत्तर और देशांतर 85.0° पूर्व के पास केंद्रित था, जो चेन्नई (तमिलनाडु) से लगभग 520 किमी पूर्व-दक्षिण-पूर्व, काकीनाडा (आंध्र प्रदेश) से 570 किमी दक्षिण-दक्षिण-पूर्व, विशाखापत्तनम (आंध्र प्रदेश) से 600 किमी दक्षिण-दक्षिण-पूर्व, गोपालपुर (ओडिशा) से 750 किमी दक्षिण और पोर्ट ब्लेयर (अंडमान और निकोबार द्वीप समूह) से 850 किमी पश्चिम में है।
इसके उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और 28 अक्टूबर की सुबह तक तीव्र होकर एक गंभीर चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है। आगे उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ते हुए, बहुत संभावना है कि यह 28 अक्टूबर की शाम/रात को मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच आंध्र प्रदेश तट को काकीनाडा के पास एक गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में पार करेगा, जिसमें अधिकतम निरंतर हवा की गति 90-100 किमी प्रति घंटे होगी, जो 110 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है।
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